दौर-ए-चुनाव में कहाँ कोई इंसान नजर आता है SHARE FacebookTwitter दौर-ए-चुनाव में कहाँ कोई इंसान नजर आता है, कोई हिन्दू, कोई दलित तो कोई मुसलमान नजर आता है; बीत जाता है जब इलाकों में चुनाव का दौर, तब हर शख्स रोटी के लिये परेशान नजर आता है! SHARE FacebookTwitter